बुधवार

वॉन गॉग

लस्ट फॉर लाइफ लेखकः इरविंग स्टोन, अनुवादः अशोक पांडे
(महान कलाकार वॉन गॉग के जीवन पर आधारित उपन्यास)विश्व के महान चित्रकार वॉन गॉग के जीवन पर लिखा इरविंग स्टोन का यह उपन्यास दशकों से दुनिया भर में करोड़ों पाठकों द्वारा पढ़ा गया है। वह जीवन कैसा था, जिसने वॉन गॉग को आधुनिक कला का एक मिथक बना दिया? क्या था उन रंग-रेखाओं में और वह कहां से आया था? शायद जि़्ांदगी के गहन अतल से उठी वह एक आवाज़्ा थी - पीड़ा के बेछोर विस्तार में गूंजी एक करुणा थी - जिसने वॉन गॉग की कूची से उभरे रंगों में जगह पाई. अद्भुत था उसका जीवन और असामान्य था उसका सृजन! एक कलाकार के निर्मित होने की यह कथा एक मनुष्य का समूचा अंतस्तल और एक पूरे दौर को अपने में समेटे हुए है. एक असाधारण जीवन का रोचक व मर्मस्पर्शी आख्यान.
(पृष्ठः 464) हार्डबाउंडः 550/ पेपरबैकः 175/

सुकांत-कथा

लेखकः डॉ. अशोक भट्टाचार्य, अनुवादः उत्पल बैनर्जी
(क्रांतिकारी बांग्ला कवि सुकांत भट्टाचार्य की जीवनी)सुकांत भट्टाचार्य बांग्ला की आधुनिक कविता की एक प्रखर संभावना थे। अकाल मृत्यु ने उन्हें अधिक समय नहीं दिया. अपने छोटे-से ही रचनाकाल में उन्होंने वे कविताएं लिखीं, जिनसे उन्हें समूचे देश में नवयुग के कवि के रूप में एक पहचान मिली. पिछले कई दशकों से देश की तमाम भाषाओं में अनूदित होकर उनकी कविता ने क्रांतिकारी चेतना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसी नाते वे हिंदी कविता के लिए भी एक आत्मीय स्मरण हैं. उनकी इस जीवन-कथा में बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध का कलकत्ते का मध्यवर्गीय जीवन और सामाजिक व राजनीतिक उथल-पुथल का एक खाका है - और इन सबके बीच निर्मित होते एक रचनाकार की विकास-प्रक्रिया और उसका अंतरजगत्. हमारे युग के एक महत्त्वपूर्ण कवि की मर्मस्पर्शी जीवन-कथा.
(पृष्ठः 96) ISBN- 81-87524-89-8हार्डबाउंडः 150/ पेपरबैकः 60/

काफ्का के संस्मरण

लेखकः गुस्ताव जैनुक, अनुवादः वल्लभ सिद्धार्थ
(फ्रांज काफ्का का जीवन और विचार)
बीसवीं सदी के महान लेखक फ्रांज़् काफ्का के जीवन, व्यक्तित्व और रचना-जगत् की आत्मीय दुनिया इस पुस्तक में खुलती है. गुस्ताव जैनुक युवा लेखक थे, जिन्हें फ्रांज़्ा काफ्का के आख़िरी बरसों में उनकी निकटता हासिल हुई थी. जैनुक ने उन्हीं दिनों काफ्का से हुई अपनी मुलाक़ातों का ब्योरा लिख छोड़ा था. ये मुलाक़ातें युग के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर काफ्का के विचारों की साक्षी बनीं. इनमें साहित्य, समाज, इतिहास से लेकर व्यक्तिगत जीवन तक ढेरों विषयों और मुद्दों पर काफ्का की गहरी दृष्टि का परिचय मिलता है. जैनुक ने उन दिनों को और काफ्का के अंतरजगत को इतने तादात्म्य के साथ लिखा है कि यह रचना स्वयं एक सृजनात्मक अनुभव का साक्षात् बन गई है.
(पृष्ठः 160) ISBN- 81-87524-99-५ हार्डबाउंडः 160/ पेपरबैकः 80/

रामप्रसाद विस्मिल

लेखकः रामप्रसाद बिस्मिल
फांसी के फंदे से लिखी गई भारत के अमर शहीद महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल ने कालकोठरी में फांसी पर झूलने के तीन दिन पहले यह आत्मचरित्र लिखा था-- यह आत्मचरित्र देशवासियों के प्रति कर्तव्य भावना के कारण लिखा गया, पर विडंबना यह है कि आज़ादी के इतने बरसों बाद भी यह सुलभ नहीं है। उनकी शहादत के 75 वें बरस पर प्रस्तुत है यह अमर गाथा- जिसके शब्द-शब्द मंे एक पुकार है, एक प्रेरणा है. यह आत्मकथा भारत के क्रांतिकारी आंदोलन के मार्मिक पहलुओं का स्पर्श करती है.
(पृष्ठः 112) हार्डबाउंडः 150/ पेपरबैकः 60/ (प्रकाश्य)

खुदीराम बोस

खुदीराम बोस लेखकः अरुण सिंह
शहीद की जीवन-कथा
भारत के स्वातंत्र्य संग्राम के इतिहास में खुदीराम बोस का नाम अमिट है। छोटी-सी आयु में देश के लिए आत्मोत्सर्ग कर उन्होंने जाने कितने युवाओं-किशोरों के हृदय में देश पर मर-मिटने की भावना उत्पन्न कर दी थी. जैसी निष्कंप दृढ़ता के साथ उन्होंने मुक़दमे का सामना किया और फांसी के तख्ते तक गए, वह बताता है कि कम आयु होने पर भी उनके अंतरतम की प्रेरणाएं उन्हीं संकल्पी विचारों से जुड़ी थीं, जिनने अलग-अलग युगों और देशों में क्रांतिकारियों के लिए आत्म-बलिदान की राह उजागर की. शोध व प्रमाणों पर आधारित यह कृति एक किशोर के क्रांतिकारी बनने और अन्याय के प्रतिकार की उसके हृदय की अदम्य भावना का आख्यान है - संक्षिप्त पर अत्यंत मार्मिक और गहन!

(पृष्ठः 96) ISBN- 81-87524-84-७ हार्डबाउंडः 150/ पेपरबैकः 60/

राहुल सांकृत्यायन

समय साम्यवादी भाग-1 व भाग- २
लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा
प्रख्यात लेखक, यायावर, दार्शनिक राहुल सांकृत्यायन की जीवनी
भारत में बीसवीं सदी का आरंभ भविष्य के कई संभावना भरे सपनों के साथ हुआ था। समूचे समाज में एक सृजनात्मक गतिशीलता थी। उस दौर में कुछ व्यक्ति थे जो इस संभावना, गतिशीलता और सपनों के प्रतीक बन गए थे. उनका जीवन भारतीय जनता के नव-निर्माण की कार्यशाला था. ऐसे ही एक व्यक्ति थे - राहुल सांकृत्यायन, जिनकी जीवन-कथा हिंदुकुश पर्वतों से लेकर वोल्गा-तट के शहरों और तिब्बत के पठारों से लेकर राइन और टेम्स के पार तक नव-युग की पीठिका रचती रही. वे यायावर थे, लेखक थे, इतिहासकार थे, स्वातंत्र्य-संग्राम के कर्मठ सेनानी थे, भारतीय वाम-चेतना के शिल्पकार थे. उनका जीवन कई-कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रकाश-स्तंभ रहा.इस जीवनी में राहुल के बहुआयामी जीवन, उनके कृतित्व और युग का प्रामाणिक ब्योरा दर्ज है. जीवनी के प्रथम भाग में राहुल के बचपन, युवावस्था और जीवन के कर्मक्षेत्र के संघर्षों की कथा है. द्वितीय भाग में राहुल के सोवियत संघ के अनुभवों, भारत की आज़्ाादी के लड़ाई में उनकी हिस्सेदारी, और रचनात्मक संघर्ष की कहानी है. एक प्रेरक जीवन की प्रेरक गाथा.

(पृष्ठः 336) ISBN- 81-87524-74-x हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 140/(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-75-8 हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 110/

इंग्रिड बर्गमेन

हॉलीवुड बुला रहा है
संयोजन एवं प्रस्तुतिः युगांक धीर
(महान अभिनेत्री इंग्रिड बर्गमेन की जीवन-कथा)
इंग्रिड बर्गमेन को दुनिया की महानतम अभिनेत्री कहा जाता है - और सर्वाधिक सफल अभिनेत्री भी। 1934 से लेकर 1978 तक - वह दुनिया की सबसे चर्चित फ़िल्मों में केंद्रीय भूमिकाएं निभाती रही! इतालवी निर्देशक रोबर्टो रोज़ेलिनी के साथ अपने प्रेम-संबंधों के कारण वह कुछ समय के लिए विवादों में भी घिरी रही. यह वही रोज़ेलिनी था जिसे डी-सिका और फैलिनी के साथ इटली की कला-फ़िल्मों का जनक कहा जाता है, लेकिन जो अपनी रंगीन तबीयत और गुस्सैल स्वभाव के कारण हमेशा ख़बरों में रहा. लेकिन इंग्रिड बर्गमेन के लिए इस तरह के मानवीय-संबंध व्यक्तिगत मोह और व्यक्तिगत हितों के दायरे से कहीं ऊपर थे. उसकी आंखों में एक बहुत ख़ूबसूरत, एक बहुत ऊंचा, एक बहुत महान सपना टंगा हुआ था. और उसके दिल में इस सपने को पूरा करने का संकल्प भी था. वह एक असाधारण स्त्री थी. एक अत्यंत रोचक मर्मस्पर्शी और अविस्मरणीय जीवन-कथा.

(पृष्ठः 304) ISBN- 81-87524-82-0हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 125/