गुरुवार

ज्यां-पाल सार्त्र

सार्त्र का सच लेखकः युगांक धीर
(ज्यां-पाल सार्त्र के जीवन की कथा)बीसवीं सदी के साहित्यिक मसीहाओं में ज्यां-पाल सार्त्र का नाम सबसे ऊपर रहा है। वे साहित्यकारों के साहित्यकार और दार्शनिकों के दार्शनिक माने जाते हैं. उनका लेखन और दर्शन जितना प्रभावशाली था, उनका व्यक्तित्व और व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही अनूठा और लीक से हटकर था. सार्त्र ने साहित्य और दर्शन को सिर्फ़ रचा ही नहीं, उन्होंने साहित्य और दर्शन को जिया भी. उनके जीवन का हर क्षण एक साहित्यकार का क्षण था, उनके जीवन की हर गतिविधि एक दार्शनिक की गतिविधि थी. उनके प्रेम-संबंध, उनकी मित्रताएं, उनका गृहस्थ-जीवन - सब कुछ उनके साहित्य और दर्शन का विस्तार मात्र था - ‘द सेकेंड सेक्स’ की लेखिका और महान नारीवादी विचारक सिमोन द बोवुआर के साथ उनकी आधी मित्रता और आधे प्रेम सहित!द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के विश्व को अपनी लेखनी और अपने दर्शन से सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाले - और दुनिया के बड़े-बड़े राजनेताओं और विचारधाराओं के लिए एक प्रेरणास्रोत की भूमिका निभाने वाले - ज्यां-पाल सार्त्र की अंतरंग जीवन-कथा. उनके व्यक्तित्व की तरह ही अत्यंत रोचक और रोमांचक शैली में प्रस्तुत! (प्रकाश्य)

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

apki pustake mangwane ke liye kya kare...kisi online book store par apki books nhi hain.

manish saini ने कहा…

नमस्ते सर,
मैं यूनीकोड टाईपिंग का काम जानता हूं क्या इससे संबंधित कोई काम मिल सकता है?

pankaj agrawal ने कहा…

संवाद प्रकाशन की पुस्तकें क्रय करने हेतु कहाँ संपर्क किया जाये

anupriya ने कहा…

नमस्ते ,मैं पिकासो की जीवनी खरीदना चाहती हूँ।इसका मूल्य बताएँ।