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गुरुवार

ज्यां-पाल सार्त्र

सार्त्र का सच लेखकः युगांक धीर
(ज्यां-पाल सार्त्र के जीवन की कथा)बीसवीं सदी के साहित्यिक मसीहाओं में ज्यां-पाल सार्त्र का नाम सबसे ऊपर रहा है। वे साहित्यकारों के साहित्यकार और दार्शनिकों के दार्शनिक माने जाते हैं. उनका लेखन और दर्शन जितना प्रभावशाली था, उनका व्यक्तित्व और व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही अनूठा और लीक से हटकर था. सार्त्र ने साहित्य और दर्शन को सिर्फ़ रचा ही नहीं, उन्होंने साहित्य और दर्शन को जिया भी. उनके जीवन का हर क्षण एक साहित्यकार का क्षण था, उनके जीवन की हर गतिविधि एक दार्शनिक की गतिविधि थी. उनके प्रेम-संबंध, उनकी मित्रताएं, उनका गृहस्थ-जीवन - सब कुछ उनके साहित्य और दर्शन का विस्तार मात्र था - ‘द सेकेंड सेक्स’ की लेखिका और महान नारीवादी विचारक सिमोन द बोवुआर के साथ उनकी आधी मित्रता और आधे प्रेम सहित!द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के विश्व को अपनी लेखनी और अपने दर्शन से सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाले - और दुनिया के बड़े-बड़े राजनेताओं और विचारधाराओं के लिए एक प्रेरणास्रोत की भूमिका निभाने वाले - ज्यां-पाल सार्त्र की अंतरंग जीवन-कथा. उनके व्यक्तित्व की तरह ही अत्यंत रोचक और रोमांचक शैली में प्रस्तुत! (प्रकाश्य)

बुधवार

वॉन गॉग

लस्ट फॉर लाइफ लेखकः इरविंग स्टोन, अनुवादः अशोक पांडे
(महान कलाकार वॉन गॉग के जीवन पर आधारित उपन्यास)विश्व के महान चित्रकार वॉन गॉग के जीवन पर लिखा इरविंग स्टोन का यह उपन्यास दशकों से दुनिया भर में करोड़ों पाठकों द्वारा पढ़ा गया है। वह जीवन कैसा था, जिसने वॉन गॉग को आधुनिक कला का एक मिथक बना दिया? क्या था उन रंग-रेखाओं में और वह कहां से आया था? शायद जि़्ांदगी के गहन अतल से उठी वह एक आवाज़्ा थी - पीड़ा के बेछोर विस्तार में गूंजी एक करुणा थी - जिसने वॉन गॉग की कूची से उभरे रंगों में जगह पाई. अद्भुत था उसका जीवन और असामान्य था उसका सृजन! एक कलाकार के निर्मित होने की यह कथा एक मनुष्य का समूचा अंतस्तल और एक पूरे दौर को अपने में समेटे हुए है. एक असाधारण जीवन का रोचक व मर्मस्पर्शी आख्यान.
(पृष्ठः 464) हार्डबाउंडः 550/ पेपरबैकः 175/

सुकांत-कथा

लेखकः डॉ. अशोक भट्टाचार्य, अनुवादः उत्पल बैनर्जी
(क्रांतिकारी बांग्ला कवि सुकांत भट्टाचार्य की जीवनी)सुकांत भट्टाचार्य बांग्ला की आधुनिक कविता की एक प्रखर संभावना थे। अकाल मृत्यु ने उन्हें अधिक समय नहीं दिया. अपने छोटे-से ही रचनाकाल में उन्होंने वे कविताएं लिखीं, जिनसे उन्हें समूचे देश में नवयुग के कवि के रूप में एक पहचान मिली. पिछले कई दशकों से देश की तमाम भाषाओं में अनूदित होकर उनकी कविता ने क्रांतिकारी चेतना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसी नाते वे हिंदी कविता के लिए भी एक आत्मीय स्मरण हैं. उनकी इस जीवन-कथा में बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध का कलकत्ते का मध्यवर्गीय जीवन और सामाजिक व राजनीतिक उथल-पुथल का एक खाका है - और इन सबके बीच निर्मित होते एक रचनाकार की विकास-प्रक्रिया और उसका अंतरजगत्. हमारे युग के एक महत्त्वपूर्ण कवि की मर्मस्पर्शी जीवन-कथा.
(पृष्ठः 96) ISBN- 81-87524-89-8हार्डबाउंडः 150/ पेपरबैकः 60/

खुदीराम बोस

खुदीराम बोस लेखकः अरुण सिंह
शहीद की जीवन-कथा
भारत के स्वातंत्र्य संग्राम के इतिहास में खुदीराम बोस का नाम अमिट है। छोटी-सी आयु में देश के लिए आत्मोत्सर्ग कर उन्होंने जाने कितने युवाओं-किशोरों के हृदय में देश पर मर-मिटने की भावना उत्पन्न कर दी थी. जैसी निष्कंप दृढ़ता के साथ उन्होंने मुक़दमे का सामना किया और फांसी के तख्ते तक गए, वह बताता है कि कम आयु होने पर भी उनके अंतरतम की प्रेरणाएं उन्हीं संकल्पी विचारों से जुड़ी थीं, जिनने अलग-अलग युगों और देशों में क्रांतिकारियों के लिए आत्म-बलिदान की राह उजागर की. शोध व प्रमाणों पर आधारित यह कृति एक किशोर के क्रांतिकारी बनने और अन्याय के प्रतिकार की उसके हृदय की अदम्य भावना का आख्यान है - संक्षिप्त पर अत्यंत मार्मिक और गहन!

(पृष्ठः 96) ISBN- 81-87524-84-७ हार्डबाउंडः 150/ पेपरबैकः 60/

राहुल सांकृत्यायन

समय साम्यवादी भाग-1 व भाग- २
लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा
प्रख्यात लेखक, यायावर, दार्शनिक राहुल सांकृत्यायन की जीवनी
भारत में बीसवीं सदी का आरंभ भविष्य के कई संभावना भरे सपनों के साथ हुआ था। समूचे समाज में एक सृजनात्मक गतिशीलता थी। उस दौर में कुछ व्यक्ति थे जो इस संभावना, गतिशीलता और सपनों के प्रतीक बन गए थे. उनका जीवन भारतीय जनता के नव-निर्माण की कार्यशाला था. ऐसे ही एक व्यक्ति थे - राहुल सांकृत्यायन, जिनकी जीवन-कथा हिंदुकुश पर्वतों से लेकर वोल्गा-तट के शहरों और तिब्बत के पठारों से लेकर राइन और टेम्स के पार तक नव-युग की पीठिका रचती रही. वे यायावर थे, लेखक थे, इतिहासकार थे, स्वातंत्र्य-संग्राम के कर्मठ सेनानी थे, भारतीय वाम-चेतना के शिल्पकार थे. उनका जीवन कई-कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रकाश-स्तंभ रहा.इस जीवनी में राहुल के बहुआयामी जीवन, उनके कृतित्व और युग का प्रामाणिक ब्योरा दर्ज है. जीवनी के प्रथम भाग में राहुल के बचपन, युवावस्था और जीवन के कर्मक्षेत्र के संघर्षों की कथा है. द्वितीय भाग में राहुल के सोवियत संघ के अनुभवों, भारत की आज़्ाादी के लड़ाई में उनकी हिस्सेदारी, और रचनात्मक संघर्ष की कहानी है. एक प्रेरक जीवन की प्रेरक गाथा.

(पृष्ठः 336) ISBN- 81-87524-74-x हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 140/(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-75-8 हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 110/

इंग्रिड बर्गमेन

हॉलीवुड बुला रहा है
संयोजन एवं प्रस्तुतिः युगांक धीर
(महान अभिनेत्री इंग्रिड बर्गमेन की जीवन-कथा)
इंग्रिड बर्गमेन को दुनिया की महानतम अभिनेत्री कहा जाता है - और सर्वाधिक सफल अभिनेत्री भी। 1934 से लेकर 1978 तक - वह दुनिया की सबसे चर्चित फ़िल्मों में केंद्रीय भूमिकाएं निभाती रही! इतालवी निर्देशक रोबर्टो रोज़ेलिनी के साथ अपने प्रेम-संबंधों के कारण वह कुछ समय के लिए विवादों में भी घिरी रही. यह वही रोज़ेलिनी था जिसे डी-सिका और फैलिनी के साथ इटली की कला-फ़िल्मों का जनक कहा जाता है, लेकिन जो अपनी रंगीन तबीयत और गुस्सैल स्वभाव के कारण हमेशा ख़बरों में रहा. लेकिन इंग्रिड बर्गमेन के लिए इस तरह के मानवीय-संबंध व्यक्तिगत मोह और व्यक्तिगत हितों के दायरे से कहीं ऊपर थे. उसकी आंखों में एक बहुत ख़ूबसूरत, एक बहुत ऊंचा, एक बहुत महान सपना टंगा हुआ था. और उसके दिल में इस सपने को पूरा करने का संकल्प भी था. वह एक असाधारण स्त्री थी. एक अत्यंत रोचक मर्मस्पर्शी और अविस्मरणीय जीवन-कथा.

(पृष्ठः 304) ISBN- 81-87524-82-0हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 125/

मिलेना

लेखिकाः मार्गरेट ब्यूबर न्यूमेन, अनुवादः सूरज प्रकाश
फ्रांज काका की प्रेमिका व एक अनूठी स्त्री की जीवन-कथा
फ्रांज का़का ने अपनी प्रेमिका मिलेना के बारे में लिखा था, ‘‘वह जलती हुई आग़ है, ऐसी आग़ मैंने आज तक नहीं देखी... साथ ही वह बेहद स्नेहमयी, बहादुर और समझदार है। वह ये सारी चीज़ें अपने त्याग में उंड़ेल देती है, या आप यूं भी कह सकते हैं, कि त्याग के ज़रिए उस तक आती हैं।’’ मिलेना - जिसने जीवन को उसकी संपूर्णता में जीना चाहा था, जिसका संघर्ष सच्चाई और स्वतंत्रता के लिए था, जिसका जीवन सौंदर्य और प्रेरणा की एक मिसाल है, इस कृति में उसकी इसी जिं़दगी का प्रामाणिक अंकन हुआ है। (पृष्ठः 240) ISBN- 81-87524-54-5मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 100/

अमृता शेरगिल

अमृता शेरगिल लेखकः कन्हैयालाल नंदन
प्रथम भारतीय आधुनिक चित्रकार की जीवनी
अमृता शेरगिल बेहद ख़ूबसूरत और संवेदनशील थी। उसका सौंदर्य, व्यक्तित्व, और कला बीसवीं सदी का मिथक बन चुके हैं. भारतीय ज़िंदगी और भारत की आत्मा उसके चित्रों में अभिव्यक्त हुई थी. वह भारत की एक महान प्रतिभा थी. इस किताब में है उसकी युग-प्रवर्तक कला और ख़ूबसूरत ज़िंदगी की अंतरंग झलक।
(पृष्ठः 100) ISBN- 81-87524-02-2मूल्य - हार्डबाउंडः 150/ पेपरबैकः 60/

मर्लिन मनरो

स्वप्नपरी मर्लिन मनरो
लेखकः संजय श्रीवास्तव
हॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री की जीवनी
मर्लिन मनरो एक स्वप्न का प्रतीक थी। सौंदर्य और प्रेम की एक चिंरतन छवि। वह लोगों के लिए रति की देवी थी। उसकी आवाज़, उसका एक इशारा, देह की एक भंगिमा, समूचे युग की आत्मा में उसकी कामना का सपना बन कर समा गए थे। फूल और हंसी की एक दुनिया का वायदा था, उसकी मुस्कान में। मर्लिन मनरो ने शोहरत की बुलंदियां छुईं। सपना बनकर असंख्य दिलों में बसी, पर एक दिन सहसा इस स्वप्न का अंत हो गया - एक रहस्यभरी मृत्यु में। उसका जीवन साधारण न था। उसमें कई मोड़ थे. सुख-दुख, प्रेम, उम्मीद और अकेलेपन के कई कथानक. स्वप्नपरी के जीवन की अंतरंग दास्तान. (पृष्ठः 240) ISBN- 81-87524-52-9मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 95/

नज़रूल इस्लाम

अग्निसेतु, लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा
(महान क्रांतिकारी कवि काजी नज़रूल इस्लाम की जीवनी)
उसके शब्द तूफ़ानों की घन-गर्जना थे। उसकी वाणी में महासागरों की करवट और दहकते वनों का ताप था। उसने कहा था - ‘‘मैं विद्रोही हूं, मेरा सिर चिर उन्नत है।’’ और ये शब्द बंगभूमि से उठकर सारे महाद्वीप में गूंजे थे। काज़ी नज़रूल इस्लाम की कविता जन-जन की मुक्ति का उद्घोष बन कर इस महादेश में उमड़ी थी. वह भाषा नहीं, शब्द नहीं, ऊर्जा और शक्ति का जैसे एक प्रचंड प्रवाह थी. और फिर उतने ही कोमल हृदय की गहराइयों से निकले प्रेम-गीत. इस सदी के शुरू में नज़रूल ने क्रांति और प्रेम की जो वीणा बजाई थी, सारे देश ने उसे मुग्ध होकर सुना था. इस महाकवि का जीवन स्वाधीन भारत की एक प्रतीक गाथा है - इस जीवन में विराट परिवर्तनों का एक ज़माना अपनी दास्तान कह रहा है. एक महान पर त्रासद जीवन इस कृति में अपनी पूरी प्रामाणिकता से दर्ज है.
(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-35-9मूल्य - हार्डबाउंडः 325/ पेपरबैकः 110/

लेनिन

लेनिन कथा रूसी क्रांति के नेता व महान विचारक लेनिन की जीवनी
लेखिकाः मारिया प्रिलेजायेवा
आज साम्राज्यवाद के अश्वमेध का घोड़ा आखेट पर निकला है। सारी दुनिया उसका चरागाह है। संसार के इतिहास को लेनिन का सबसे बड़ा योगदान इसी साम्राज्यवाद की शिनाख़्त, उसका विश्लेषण और उसकी काट है। लेनिन ने एक महादेश की नियति बदली थी, मनुष्य के इतिहास में श्रम की महिमा का अध्याय उन्होंने जोड़ा था। पुरानी क्रांतियों की पराजय के बाद, ज़्यादा सशक्त, ज़्यादा उर्वर, ज़्यादा व्यापक नई क्रांतियों की नींवों के निर्माण में उनका जीवन सर्वाधिक प्रेरक है - उनके विचार वैश्विक साम्राज्यवाद द्वारा रची जा रही दुनिया की सबसे सटीक व्याख्या करते हैं - उसे बदल देने के लिए. इस पुस्तक में लेनिन की जिं़दगी का गहरा भावमय अंकन है - उनकी सोच और क्रांतिकारी कार्यों की प्रेरक प्रस्तुति. लेखिकाः मारिया प्रिलेजायेवा (पृष्ठः 240) प्ैठछ. 81.87524.51.0मूल्य - पेपरबैकः 65/

शहीद भगत सिंह

शहीद भगत सिंहः क्रांति के प्रयोग
लेखकः कुलदीप नैयर अनुवादः आलोक श्रीवास्तव
(तथ्यों और दस्तावेज़ों पर आधारित प्रामाणिक जीवनी)23 मार्च, 1931 को फांसी के तख़्ते पर एक जीवन ख़त्म हो गया था। पर उसने यह रेखांकित कर दिया था कि विचार और सपने मरते नहीं - वे आगामी युगों की विरासत बन जाते हैं। अंग्रेजी साम्राज्य और फिर उससे बढ़कर पूंजी के साम्राज्य के ख़ात्मे; भारत की राजनीतिक आज़ादी और फिर उससे बढ़कर भारत की कामगार और किसान जनता की आर्थिक आज़ादी - और एक स्वतंत्र, साम्यवादी भारत के निर्माण के विचार पर भगत सिंह ने अपने प्राणों की मुहर लगाई थी। इन्हीं अर्थों में वे शहीद थे - देशभक्त थे - मातृभूमि के किन्हीं अमूर्त किताबी अर्थों में नहीं। ‘भगत सिंह की जय’ का अर्थ है - भारत के मेहनतकश आवाम की जय - साम्राज्यवाद का ख़ात्मा और राष्ट्र का पुनर्निर्माण। यह पुस्तक भगत सिंह के उसी अमर बलिदानी जीवन की कहानी कहती है, जिसकी महिमा तो बहुत गाई गई, पर जिसे समझा नहीं गया। भगत सिंह के क्रांतिकारी-जीवन और उनके विचारों के विकास में गहरा संबंध है - इसी संबंध के रेशों से इस जीवनी की रचना हुई है। (पृष्ठः 320) ISBN- 81-87524-69-3मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 75/

जिन्ना

जिन्ना की त्रासादी अनुवादः हरिश्चंद्र पाण्डेय
(मो। अली जिन्ना की वैचारिक जीवनी)जिन्ना ने अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम दशक में एक अलगाववादी तथा सांप्रदायिकतावादी की भूमिका निभाई - जिसका परिणाम था भारत का विभाजन. वह व्यक्ति जो सारी ज़िंदगी एक अखंड भारत - विशाल उद्योगों तथा वैज्ञानिक खेती एवं शिक्षा से परिपूर्ण भारत - खुशहाल भारत के सपने देखता रहा, कैसे अपने जीवन के आखि़र में वह एक दूसरी ही भूमिका में नज़र आया? क्या थी जिन्ना की सोच और उनका जीवन? वे हालात क्या था, जिन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रवादी व्यक्ति को कट्टर सांप्रदायिक नेता में तब्दील कर दिया? युग के समूचे राजनीतिक संदर्भ के साथ इतिहास का जीवंत आकलन. लेखकः डॉ. अजीत जावेद

(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-48-0 मूल्य - हार्डबाउंडः 325/ पेपरबैकः 110/

सिमोन द बोवुआर

स्वतंत्रता और प्रेम की राह
अनुवादः युगांक धीर, रमेंद्रनाथ, पुनरीक्षण-संपादनः आलोक श्रीवास्तव
विख्यात नारीवादी लेखिका की जीवनी द सेकंेड सेक्स की विश्वविख्यात लेखिका और नारी-मुक्ति से जुड़े अपने विचारों और सार्त्र के साथ अपने अनूठे और विवादास्पद संबंधों के लिए चर्चित, सिमोन द बोवुआर की अंतरंग जीवन-गाथा। एक ऐसे जीवन की कहानी जिसने रचना, विचार और स्वतंत्रता के अपने मापदंड कायम किए। सिमोन के विचारों और जीवन का एक विहंगावलोकन और बीसवीं सदी के विश्वव्यापी साहित्यिक आंदोलनों के बीच उसके और सार्त्र के दोहरे संघर्ष का जीवंत और रोमांचक विवरण. फ्रेंच लेखिकाओं क्लोद फ्रांसिस और फेर्नांद गोंतिए की क़लम से. (पृष्ठः 432) ISBN- 81-87524-07-3मूल्य - हार्डबाउंडः 410/ पेपरबैकः 150/

पिकासो

बीसवीं सदी के महान चित्रकार पाब्लो पिकासो की जीवनी
लेखकः माधुरी पुरंदरे, अनुवादः यदुनाथ चौबे, माधुरी पुरंदरे

पूरी बीसवीं शताब्दी में खोजने पर भी ऐसा कोई और कलाकार नहीं दिखाई पड़ता जिसका नाम प्रतिभा का पर्यायवाची बन गया हो। पिकासो की अदम्य प्रतिभा की सहज अभिव्यक्ति उसके चित्रों में हुई है - साथ ही हमारे समूचे युग के चिंह उसकी रंग-रेखाओं में समाहित हुए हैं - फासिज़्म से संघर्ष करती मानवता, शीत-युद्धों में जकड़ी दुनिया और शांति का, सौंदर्य का आदिस्वप्न पूरी शिद्दत से उसके चित्रों में उभरा है। इस पुस्तक में पिकासो के कलाकार का विकास, उसका युग और उसका निजी जीवन भरपूर रोचकता और ब्योरे के साथ अंकित है.

(पृष्ठः 384) ISBN- 81-87524-49-९ मूल्य - हार्डबाउंडः 450/ पेपरबैकः 160/

चार्ली चैप्लिन

विश्वप्रसिद्ध अभिनेता चार्ली चैप्लिन की रोमांचक जीवन-कथा
लेखकः गीत चतुर्वेदी

एक दुखी, उदास बच्चा एक दिन सारी दुनिया को हंसाता है - जीवन की अनंत छवियों से समूचा एक इंद्रधनुष वह रच देता है। उसका चलना, देखना, मुड़ना, इशारे करना अपने समय का सबसे लोकप्रिय मिथक बन जाता है, चार्ली चैप्लिन का जीवन जैसे एक व्यक्ति का जीवन नहीं कोई किंवदंती हो. आकाशगंगा बुनता यह कारीगर विश्व-सिनेमा का सबसे ज़्यादा चाहा गया किरदार है. चैप्लिन का अभिनय सिनेमा के समूचे एक युग पर छाया हुआ है. उनकी जिं़दगी, हर्ष-विषाद और प्रेम की धुन इस कहानी के नेपथ्य में लगातार गंूंजती है. चैप्लिन के जीवन का गहरा अंतरंग इस पुस्तक में व्यक्त है. (पृष्ठः 320) ISBN- 81-87524-50-2 मूल्य - हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 140/