बुधवार

मिलेना

लेखिकाः मार्गरेट ब्यूबर न्यूमेन, अनुवादः सूरज प्रकाश
फ्रांज काका की प्रेमिका व एक अनूठी स्त्री की जीवन-कथा
फ्रांज का़का ने अपनी प्रेमिका मिलेना के बारे में लिखा था, ‘‘वह जलती हुई आग़ है, ऐसी आग़ मैंने आज तक नहीं देखी... साथ ही वह बेहद स्नेहमयी, बहादुर और समझदार है। वह ये सारी चीज़ें अपने त्याग में उंड़ेल देती है, या आप यूं भी कह सकते हैं, कि त्याग के ज़रिए उस तक आती हैं।’’ मिलेना - जिसने जीवन को उसकी संपूर्णता में जीना चाहा था, जिसका संघर्ष सच्चाई और स्वतंत्रता के लिए था, जिसका जीवन सौंदर्य और प्रेरणा की एक मिसाल है, इस कृति में उसकी इसी जिं़दगी का प्रामाणिक अंकन हुआ है। (पृष्ठः 240) ISBN- 81-87524-54-5मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 100/

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