संस्मरण लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
संस्मरण लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार

काफ्का के संस्मरण

लेखकः गुस्ताव जैनुक, अनुवादः वल्लभ सिद्धार्थ
(फ्रांज काफ्का का जीवन और विचार)
बीसवीं सदी के महान लेखक फ्रांज़् काफ्का के जीवन, व्यक्तित्व और रचना-जगत् की आत्मीय दुनिया इस पुस्तक में खुलती है. गुस्ताव जैनुक युवा लेखक थे, जिन्हें फ्रांज़्ा काफ्का के आख़िरी बरसों में उनकी निकटता हासिल हुई थी. जैनुक ने उन्हीं दिनों काफ्का से हुई अपनी मुलाक़ातों का ब्योरा लिख छोड़ा था. ये मुलाक़ातें युग के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर काफ्का के विचारों की साक्षी बनीं. इनमें साहित्य, समाज, इतिहास से लेकर व्यक्तिगत जीवन तक ढेरों विषयों और मुद्दों पर काफ्का की गहरी दृष्टि का परिचय मिलता है. जैनुक ने उन दिनों को और काफ्का के अंतरजगत को इतने तादात्म्य के साथ लिखा है कि यह रचना स्वयं एक सृजनात्मक अनुभव का साक्षात् बन गई है.
(पृष्ठः 160) ISBN- 81-87524-99-५ हार्डबाउंडः 160/ पेपरबैकः 80/