बुधवार

जिन्ना

जिन्ना की त्रासादी अनुवादः हरिश्चंद्र पाण्डेय
(मो। अली जिन्ना की वैचारिक जीवनी)जिन्ना ने अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम दशक में एक अलगाववादी तथा सांप्रदायिकतावादी की भूमिका निभाई - जिसका परिणाम था भारत का विभाजन. वह व्यक्ति जो सारी ज़िंदगी एक अखंड भारत - विशाल उद्योगों तथा वैज्ञानिक खेती एवं शिक्षा से परिपूर्ण भारत - खुशहाल भारत के सपने देखता रहा, कैसे अपने जीवन के आखि़र में वह एक दूसरी ही भूमिका में नज़र आया? क्या थी जिन्ना की सोच और उनका जीवन? वे हालात क्या था, जिन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रवादी व्यक्ति को कट्टर सांप्रदायिक नेता में तब्दील कर दिया? युग के समूचे राजनीतिक संदर्भ के साथ इतिहास का जीवंत आकलन. लेखकः डॉ. अजीत जावेद

(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-48-0 मूल्य - हार्डबाउंडः 325/ पेपरबैकः 110/

मुक्तिबोध

मुक्तिबोध की आत्मकथा लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा

(कवि-विचारक गजानन माधव मुक्तिबोध की प्रामाणिक जीवनी)मालवा के पठारों में पैदा हुआ एक मामूली आदमी, जिसने एक मामूली जीवन जिया - और एक दुखद मृत्यु में जिसके जीवन की पीड़ाओं का अंत हुआ, कैसे जीवन को बदलने की रचना-प्रक्रिया का पाठ बन गया? क्या था उस जीवन में, जिसने सफलता के चक्करदार घेरों की बजाय समाज के रूपांतरण के अग्नि-स्फुुलिंग अपनी रचनाओं में इकट्ठा किए? भावी-क्रांति के अग्नि-काष्ठ वह बीनता रहा। मुक्तिबोध का आत्मसंघर्ष क्यों इतना मूल्यवान बन गया? मुक्तिबोध की यह जीवनी उनके इसी आत्मसंघर्ष का महाकाव्यात्मक आख्यान है। इसमें समूचा एक युग अपनी संपूर्ण प्रेरणा और हलचल के साथ मौजूद है। हिंदी की वैचारिक विरासत की एक अनमोल थाती।


(पृष्ठः 496) ISBN- 81-87524-34-0मूल्य - हार्डबाउंडः 550/ पेपरबैकः 160/


इजाडोरा डंकन

इज़ाडोरा की प्रेमकथा अनुवादः युगांक धीर
इजाडोरा डंकन की आत्मकथा बीसवीं सदी की भोर की महान नर्तकी और एक अत्यंत विवादास्पद और उन्मुक्त स्त्री -इज़ाडोरा डंकन- की आत्मकथा ‘माय लाइफ’ का हिंदी अनुवाद। एक ऐसी अनूठी स्त्री की शब्दयात्रा जिसने अपने समय से सौ साल आगे जीते हुए प्रेम व जीवन के अद्भुत प्रयोग किए। कला और प्रेम की एक अनूठी भावमय दुनिया। विश्व की श्रेष्ठतम आत्मकथाओं में एक, विश्व की संुदरतम आत्मकथाओं में सर्वोपरि!
(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-08-1मूल्य - हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 125/



सिमोन द बोवुआर

स्वतंत्रता और प्रेम की राह
अनुवादः युगांक धीर, रमेंद्रनाथ, पुनरीक्षण-संपादनः आलोक श्रीवास्तव
विख्यात नारीवादी लेखिका की जीवनी द सेकंेड सेक्स की विश्वविख्यात लेखिका और नारी-मुक्ति से जुड़े अपने विचारों और सार्त्र के साथ अपने अनूठे और विवादास्पद संबंधों के लिए चर्चित, सिमोन द बोवुआर की अंतरंग जीवन-गाथा। एक ऐसे जीवन की कहानी जिसने रचना, विचार और स्वतंत्रता के अपने मापदंड कायम किए। सिमोन के विचारों और जीवन का एक विहंगावलोकन और बीसवीं सदी के विश्वव्यापी साहित्यिक आंदोलनों के बीच उसके और सार्त्र के दोहरे संघर्ष का जीवंत और रोमांचक विवरण. फ्रेंच लेखिकाओं क्लोद फ्रांसिस और फेर्नांद गोंतिए की क़लम से. (पृष्ठः 432) ISBN- 81-87524-07-3मूल्य - हार्डबाउंडः 410/ पेपरबैकः 150/

पिकासो

बीसवीं सदी के महान चित्रकार पाब्लो पिकासो की जीवनी
लेखकः माधुरी पुरंदरे, अनुवादः यदुनाथ चौबे, माधुरी पुरंदरे

पूरी बीसवीं शताब्दी में खोजने पर भी ऐसा कोई और कलाकार नहीं दिखाई पड़ता जिसका नाम प्रतिभा का पर्यायवाची बन गया हो। पिकासो की अदम्य प्रतिभा की सहज अभिव्यक्ति उसके चित्रों में हुई है - साथ ही हमारे समूचे युग के चिंह उसकी रंग-रेखाओं में समाहित हुए हैं - फासिज़्म से संघर्ष करती मानवता, शीत-युद्धों में जकड़ी दुनिया और शांति का, सौंदर्य का आदिस्वप्न पूरी शिद्दत से उसके चित्रों में उभरा है। इस पुस्तक में पिकासो के कलाकार का विकास, उसका युग और उसका निजी जीवन भरपूर रोचकता और ब्योरे के साथ अंकित है.

(पृष्ठः 384) ISBN- 81-87524-49-९ मूल्य - हार्डबाउंडः 450/ पेपरबैकः 160/

चार्ली चैप्लिन

विश्वप्रसिद्ध अभिनेता चार्ली चैप्लिन की रोमांचक जीवन-कथा
लेखकः गीत चतुर्वेदी

एक दुखी, उदास बच्चा एक दिन सारी दुनिया को हंसाता है - जीवन की अनंत छवियों से समूचा एक इंद्रधनुष वह रच देता है। उसका चलना, देखना, मुड़ना, इशारे करना अपने समय का सबसे लोकप्रिय मिथक बन जाता है, चार्ली चैप्लिन का जीवन जैसे एक व्यक्ति का जीवन नहीं कोई किंवदंती हो. आकाशगंगा बुनता यह कारीगर विश्व-सिनेमा का सबसे ज़्यादा चाहा गया किरदार है. चैप्लिन का अभिनय सिनेमा के समूचे एक युग पर छाया हुआ है. उनकी जिं़दगी, हर्ष-विषाद और प्रेम की धुन इस कहानी के नेपथ्य में लगातार गंूंजती है. चैप्लिन के जीवन का गहरा अंतरंग इस पुस्तक में व्यक्त है. (पृष्ठः 320) ISBN- 81-87524-50-2 मूल्य - हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 140/

महान विचारक ज्यां-जाक रूसो की आत्मकथा अनुवादः युगांक धीर

आत्मस्वीकृतियां, भाग-1 व २
अठारहवीं सदी के महान चिंतक, लेखक और दार्शनिक ज्यां-जाक रूसो की आत्मकथा न केवल दुनिया की सबसे पहली प्रामाणिक आत्मकथा है, बल्कि सबसे ज़्यादा बेबाक और चौंकाने वाली भी. मनुष्यों की असाधारण समझ, उनके दिलों में झांकने की असाधारण क्षमता - और इसके साथ ही भाषा पर एक अनूठी और अद्वितीय पकड़ - इसे एक अनुपम कृति बना देते हैं. दो भागों में प्रकाशित आत्मकथा के पहले भाग में बिन मां का बच्चा ज्यां-जाक एक असामान्य बचपन, और फिर उतनी ही असामान्य युवावस्था में से गुज़रता हुआ कई असाधारण स्थितियों और स्त्रियों के संपर्क में आता है - जीवन और उसकी अनंत संभावनाओं को बड़े कौतूहल से टटोलता हुआ-सा! आत्मकथा का पहला भाग जहां रूसो की भावनाओं और व्यक्तित्व के विकास को समर्पित है, वहीं दूसरा भाग उसके सृजनात्मक और वैचारिक विकास को; संभ्रांत महिलाओं और ऊंचे साहित्यकारों-कलाकारों की दुनिया से जुड़े प्रलोभनों और ख़तरों को; और उन षड्यंत्रों को भी, जिन्होंने इस महान लेखक को अपना देश त्यागने और राजनीतिक शरण की तलाश में देश-दर-देश भटकने पर विवश कर दिया. रूसो की आत्मकथा जिं़दगी को एक ऊंचाई से - एक ऊंची नैतिक-शक्ति के साथ - देखने की प्रेरणा देती है।
भाग-1 (पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-61-8 मूल्यः हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 120/
भाग-2 (पृष्ठः 320) ISBN- 81-87524-62-6 मूल्यः हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 140/