(मो। अली जिन्ना की वैचारिक जीवनी)जिन्ना ने अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम दशक में एक अलगाववादी तथा सांप्रदायिकतावादी की भूमिका निभाई - जिसका परिणाम था भारत का विभाजन. वह व्यक्ति जो सारी ज़िंदगी एक अखंड भारत - विशाल उद्योगों तथा वैज्ञानिक खेती एवं शिक्षा से परिपूर्ण भारत - खुशहाल भारत के सपने देखता रहा, कैसे अपने जीवन के आखि़र में वह एक दूसरी ही भूमिका में नज़र आया? क्या थी जिन्ना की सोच और उनका जीवन? वे हालात क्या था, जिन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रवादी व्यक्ति को कट्टर सांप्रदायिक नेता में तब्दील कर दिया? युग के समूचे राजनीतिक संदर्भ के साथ इतिहास का जीवंत आकलन. लेखकः डॉ. अजीत जावेद
(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-48-0 मूल्य - हार्डबाउंडः 325/ पेपरबैकः 110/