बुधवार

नज़रूल इस्लाम

अग्निसेतु, लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा
(महान क्रांतिकारी कवि काजी नज़रूल इस्लाम की जीवनी)
उसके शब्द तूफ़ानों की घन-गर्जना थे। उसकी वाणी में महासागरों की करवट और दहकते वनों का ताप था। उसने कहा था - ‘‘मैं विद्रोही हूं, मेरा सिर चिर उन्नत है।’’ और ये शब्द बंगभूमि से उठकर सारे महाद्वीप में गूंजे थे। काज़ी नज़रूल इस्लाम की कविता जन-जन की मुक्ति का उद्घोष बन कर इस महादेश में उमड़ी थी. वह भाषा नहीं, शब्द नहीं, ऊर्जा और शक्ति का जैसे एक प्रचंड प्रवाह थी. और फिर उतने ही कोमल हृदय की गहराइयों से निकले प्रेम-गीत. इस सदी के शुरू में नज़रूल ने क्रांति और प्रेम की जो वीणा बजाई थी, सारे देश ने उसे मुग्ध होकर सुना था. इस महाकवि का जीवन स्वाधीन भारत की एक प्रतीक गाथा है - इस जीवन में विराट परिवर्तनों का एक ज़माना अपनी दास्तान कह रहा है. एक महान पर त्रासद जीवन इस कृति में अपनी पूरी प्रामाणिकता से दर्ज है.
(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-35-9मूल्य - हार्डबाउंडः 325/ पेपरबैकः 110/

लेनिन

लेनिन कथा रूसी क्रांति के नेता व महान विचारक लेनिन की जीवनी
लेखिकाः मारिया प्रिलेजायेवा
आज साम्राज्यवाद के अश्वमेध का घोड़ा आखेट पर निकला है। सारी दुनिया उसका चरागाह है। संसार के इतिहास को लेनिन का सबसे बड़ा योगदान इसी साम्राज्यवाद की शिनाख़्त, उसका विश्लेषण और उसकी काट है। लेनिन ने एक महादेश की नियति बदली थी, मनुष्य के इतिहास में श्रम की महिमा का अध्याय उन्होंने जोड़ा था। पुरानी क्रांतियों की पराजय के बाद, ज़्यादा सशक्त, ज़्यादा उर्वर, ज़्यादा व्यापक नई क्रांतियों की नींवों के निर्माण में उनका जीवन सर्वाधिक प्रेरक है - उनके विचार वैश्विक साम्राज्यवाद द्वारा रची जा रही दुनिया की सबसे सटीक व्याख्या करते हैं - उसे बदल देने के लिए. इस पुस्तक में लेनिन की जिं़दगी का गहरा भावमय अंकन है - उनकी सोच और क्रांतिकारी कार्यों की प्रेरक प्रस्तुति. लेखिकाः मारिया प्रिलेजायेवा (पृष्ठः 240) प्ैठछ. 81.87524.51.0मूल्य - पेपरबैकः 65/

शहीद भगत सिंह

शहीद भगत सिंहः क्रांति के प्रयोग
लेखकः कुलदीप नैयर अनुवादः आलोक श्रीवास्तव
(तथ्यों और दस्तावेज़ों पर आधारित प्रामाणिक जीवनी)23 मार्च, 1931 को फांसी के तख़्ते पर एक जीवन ख़त्म हो गया था। पर उसने यह रेखांकित कर दिया था कि विचार और सपने मरते नहीं - वे आगामी युगों की विरासत बन जाते हैं। अंग्रेजी साम्राज्य और फिर उससे बढ़कर पूंजी के साम्राज्य के ख़ात्मे; भारत की राजनीतिक आज़ादी और फिर उससे बढ़कर भारत की कामगार और किसान जनता की आर्थिक आज़ादी - और एक स्वतंत्र, साम्यवादी भारत के निर्माण के विचार पर भगत सिंह ने अपने प्राणों की मुहर लगाई थी। इन्हीं अर्थों में वे शहीद थे - देशभक्त थे - मातृभूमि के किन्हीं अमूर्त किताबी अर्थों में नहीं। ‘भगत सिंह की जय’ का अर्थ है - भारत के मेहनतकश आवाम की जय - साम्राज्यवाद का ख़ात्मा और राष्ट्र का पुनर्निर्माण। यह पुस्तक भगत सिंह के उसी अमर बलिदानी जीवन की कहानी कहती है, जिसकी महिमा तो बहुत गाई गई, पर जिसे समझा नहीं गया। भगत सिंह के क्रांतिकारी-जीवन और उनके विचारों के विकास में गहरा संबंध है - इसी संबंध के रेशों से इस जीवनी की रचना हुई है। (पृष्ठः 320) ISBN- 81-87524-69-3मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 75/

जिन्ना

जिन्ना की त्रासादी अनुवादः हरिश्चंद्र पाण्डेय
(मो। अली जिन्ना की वैचारिक जीवनी)जिन्ना ने अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम दशक में एक अलगाववादी तथा सांप्रदायिकतावादी की भूमिका निभाई - जिसका परिणाम था भारत का विभाजन. वह व्यक्ति जो सारी ज़िंदगी एक अखंड भारत - विशाल उद्योगों तथा वैज्ञानिक खेती एवं शिक्षा से परिपूर्ण भारत - खुशहाल भारत के सपने देखता रहा, कैसे अपने जीवन के आखि़र में वह एक दूसरी ही भूमिका में नज़र आया? क्या थी जिन्ना की सोच और उनका जीवन? वे हालात क्या था, जिन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रवादी व्यक्ति को कट्टर सांप्रदायिक नेता में तब्दील कर दिया? युग के समूचे राजनीतिक संदर्भ के साथ इतिहास का जीवंत आकलन. लेखकः डॉ. अजीत जावेद

(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-48-0 मूल्य - हार्डबाउंडः 325/ पेपरबैकः 110/

मुक्तिबोध

मुक्तिबोध की आत्मकथा लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा

(कवि-विचारक गजानन माधव मुक्तिबोध की प्रामाणिक जीवनी)मालवा के पठारों में पैदा हुआ एक मामूली आदमी, जिसने एक मामूली जीवन जिया - और एक दुखद मृत्यु में जिसके जीवन की पीड़ाओं का अंत हुआ, कैसे जीवन को बदलने की रचना-प्रक्रिया का पाठ बन गया? क्या था उस जीवन में, जिसने सफलता के चक्करदार घेरों की बजाय समाज के रूपांतरण के अग्नि-स्फुुलिंग अपनी रचनाओं में इकट्ठा किए? भावी-क्रांति के अग्नि-काष्ठ वह बीनता रहा। मुक्तिबोध का आत्मसंघर्ष क्यों इतना मूल्यवान बन गया? मुक्तिबोध की यह जीवनी उनके इसी आत्मसंघर्ष का महाकाव्यात्मक आख्यान है। इसमें समूचा एक युग अपनी संपूर्ण प्रेरणा और हलचल के साथ मौजूद है। हिंदी की वैचारिक विरासत की एक अनमोल थाती।


(पृष्ठः 496) ISBN- 81-87524-34-0मूल्य - हार्डबाउंडः 550/ पेपरबैकः 160/


इजाडोरा डंकन

इज़ाडोरा की प्रेमकथा अनुवादः युगांक धीर
इजाडोरा डंकन की आत्मकथा बीसवीं सदी की भोर की महान नर्तकी और एक अत्यंत विवादास्पद और उन्मुक्त स्त्री -इज़ाडोरा डंकन- की आत्मकथा ‘माय लाइफ’ का हिंदी अनुवाद। एक ऐसी अनूठी स्त्री की शब्दयात्रा जिसने अपने समय से सौ साल आगे जीते हुए प्रेम व जीवन के अद्भुत प्रयोग किए। कला और प्रेम की एक अनूठी भावमय दुनिया। विश्व की श्रेष्ठतम आत्मकथाओं में एक, विश्व की संुदरतम आत्मकथाओं में सर्वोपरि!
(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-08-1मूल्य - हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 125/



सिमोन द बोवुआर

स्वतंत्रता और प्रेम की राह
अनुवादः युगांक धीर, रमेंद्रनाथ, पुनरीक्षण-संपादनः आलोक श्रीवास्तव
विख्यात नारीवादी लेखिका की जीवनी द सेकंेड सेक्स की विश्वविख्यात लेखिका और नारी-मुक्ति से जुड़े अपने विचारों और सार्त्र के साथ अपने अनूठे और विवादास्पद संबंधों के लिए चर्चित, सिमोन द बोवुआर की अंतरंग जीवन-गाथा। एक ऐसे जीवन की कहानी जिसने रचना, विचार और स्वतंत्रता के अपने मापदंड कायम किए। सिमोन के विचारों और जीवन का एक विहंगावलोकन और बीसवीं सदी के विश्वव्यापी साहित्यिक आंदोलनों के बीच उसके और सार्त्र के दोहरे संघर्ष का जीवंत और रोमांचक विवरण. फ्रेंच लेखिकाओं क्लोद फ्रांसिस और फेर्नांद गोंतिए की क़लम से. (पृष्ठः 432) ISBN- 81-87524-07-3मूल्य - हार्डबाउंडः 410/ पेपरबैकः 150/