बुधवार

मिलेना

लेखिकाः मार्गरेट ब्यूबर न्यूमेन, अनुवादः सूरज प्रकाश
फ्रांज काका की प्रेमिका व एक अनूठी स्त्री की जीवन-कथा
फ्रांज का़का ने अपनी प्रेमिका मिलेना के बारे में लिखा था, ‘‘वह जलती हुई आग़ है, ऐसी आग़ मैंने आज तक नहीं देखी... साथ ही वह बेहद स्नेहमयी, बहादुर और समझदार है। वह ये सारी चीज़ें अपने त्याग में उंड़ेल देती है, या आप यूं भी कह सकते हैं, कि त्याग के ज़रिए उस तक आती हैं।’’ मिलेना - जिसने जीवन को उसकी संपूर्णता में जीना चाहा था, जिसका संघर्ष सच्चाई और स्वतंत्रता के लिए था, जिसका जीवन सौंदर्य और प्रेरणा की एक मिसाल है, इस कृति में उसकी इसी जिं़दगी का प्रामाणिक अंकन हुआ है। (पृष्ठः 240) ISBN- 81-87524-54-5मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 100/

रूसी साहित्यकारों के जीवन की प्रेम-कथाएं

उसका अनाम प्यार अनुवादः विजय प्रकाश
रूसी साहित्यकारों के जीवन की प्रेम-कथाएं
महान रूसी साहित्यकारों चेखव, गोर्की, दॉस्तोएवस्की, पूश्किन के जीवन के गहन अंतरंगों को खोलती उनकी प्रेम-कहानियां। उस जीवन की कोमल संवेदनाओं का प्रामाणिक और मर्मस्पर्शी विवरण, जो अपने समय को पार करता युग-युग के पार आज भी जीवित है। इन महान कथाशिल्पियों के उन द्वंद्वों और अनुभवों का मार्मिक कलात्मक अंकन जिसने उनके जीवन को दूसरी ही दिशा दे दी. उसे असाधारण बना दिया. गुज़रे ज़माने की इन प्रेम-कहानियों में जीवन के स्वप्न और यथार्थ की अत्यंत भाव-प्रवण स्मृतियां हैं. (पृष्ठः 340) ISBN- 81-87524-68-5मूल्य - हार्डबाउंडः 350/ पेपरबैकः 125/

अमृता शेरगिल

अमृता शेरगिल लेखकः कन्हैयालाल नंदन
प्रथम भारतीय आधुनिक चित्रकार की जीवनी
अमृता शेरगिल बेहद ख़ूबसूरत और संवेदनशील थी। उसका सौंदर्य, व्यक्तित्व, और कला बीसवीं सदी का मिथक बन चुके हैं. भारतीय ज़िंदगी और भारत की आत्मा उसके चित्रों में अभिव्यक्त हुई थी. वह भारत की एक महान प्रतिभा थी. इस किताब में है उसकी युग-प्रवर्तक कला और ख़ूबसूरत ज़िंदगी की अंतरंग झलक।
(पृष्ठः 100) ISBN- 81-87524-02-2मूल्य - हार्डबाउंडः 150/ पेपरबैकः 60/

मर्लिन मनरो

स्वप्नपरी मर्लिन मनरो
लेखकः संजय श्रीवास्तव
हॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री की जीवनी
मर्लिन मनरो एक स्वप्न का प्रतीक थी। सौंदर्य और प्रेम की एक चिंरतन छवि। वह लोगों के लिए रति की देवी थी। उसकी आवाज़, उसका एक इशारा, देह की एक भंगिमा, समूचे युग की आत्मा में उसकी कामना का सपना बन कर समा गए थे। फूल और हंसी की एक दुनिया का वायदा था, उसकी मुस्कान में। मर्लिन मनरो ने शोहरत की बुलंदियां छुईं। सपना बनकर असंख्य दिलों में बसी, पर एक दिन सहसा इस स्वप्न का अंत हो गया - एक रहस्यभरी मृत्यु में। उसका जीवन साधारण न था। उसमें कई मोड़ थे. सुख-दुख, प्रेम, उम्मीद और अकेलेपन के कई कथानक. स्वप्नपरी के जीवन की अंतरंग दास्तान. (पृष्ठः 240) ISBN- 81-87524-52-9मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 95/

नज़रूल इस्लाम

अग्निसेतु, लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा
(महान क्रांतिकारी कवि काजी नज़रूल इस्लाम की जीवनी)
उसके शब्द तूफ़ानों की घन-गर्जना थे। उसकी वाणी में महासागरों की करवट और दहकते वनों का ताप था। उसने कहा था - ‘‘मैं विद्रोही हूं, मेरा सिर चिर उन्नत है।’’ और ये शब्द बंगभूमि से उठकर सारे महाद्वीप में गूंजे थे। काज़ी नज़रूल इस्लाम की कविता जन-जन की मुक्ति का उद्घोष बन कर इस महादेश में उमड़ी थी. वह भाषा नहीं, शब्द नहीं, ऊर्जा और शक्ति का जैसे एक प्रचंड प्रवाह थी. और फिर उतने ही कोमल हृदय की गहराइयों से निकले प्रेम-गीत. इस सदी के शुरू में नज़रूल ने क्रांति और प्रेम की जो वीणा बजाई थी, सारे देश ने उसे मुग्ध होकर सुना था. इस महाकवि का जीवन स्वाधीन भारत की एक प्रतीक गाथा है - इस जीवन में विराट परिवर्तनों का एक ज़माना अपनी दास्तान कह रहा है. एक महान पर त्रासद जीवन इस कृति में अपनी पूरी प्रामाणिकता से दर्ज है.
(पृष्ठः 288) ISBN- 81-87524-35-9मूल्य - हार्डबाउंडः 325/ पेपरबैकः 110/

लेनिन

लेनिन कथा रूसी क्रांति के नेता व महान विचारक लेनिन की जीवनी
लेखिकाः मारिया प्रिलेजायेवा
आज साम्राज्यवाद के अश्वमेध का घोड़ा आखेट पर निकला है। सारी दुनिया उसका चरागाह है। संसार के इतिहास को लेनिन का सबसे बड़ा योगदान इसी साम्राज्यवाद की शिनाख़्त, उसका विश्लेषण और उसकी काट है। लेनिन ने एक महादेश की नियति बदली थी, मनुष्य के इतिहास में श्रम की महिमा का अध्याय उन्होंने जोड़ा था। पुरानी क्रांतियों की पराजय के बाद, ज़्यादा सशक्त, ज़्यादा उर्वर, ज़्यादा व्यापक नई क्रांतियों की नींवों के निर्माण में उनका जीवन सर्वाधिक प्रेरक है - उनके विचार वैश्विक साम्राज्यवाद द्वारा रची जा रही दुनिया की सबसे सटीक व्याख्या करते हैं - उसे बदल देने के लिए. इस पुस्तक में लेनिन की जिं़दगी का गहरा भावमय अंकन है - उनकी सोच और क्रांतिकारी कार्यों की प्रेरक प्रस्तुति. लेखिकाः मारिया प्रिलेजायेवा (पृष्ठः 240) प्ैठछ. 81.87524.51.0मूल्य - पेपरबैकः 65/

शहीद भगत सिंह

शहीद भगत सिंहः क्रांति के प्रयोग
लेखकः कुलदीप नैयर अनुवादः आलोक श्रीवास्तव
(तथ्यों और दस्तावेज़ों पर आधारित प्रामाणिक जीवनी)23 मार्च, 1931 को फांसी के तख़्ते पर एक जीवन ख़त्म हो गया था। पर उसने यह रेखांकित कर दिया था कि विचार और सपने मरते नहीं - वे आगामी युगों की विरासत बन जाते हैं। अंग्रेजी साम्राज्य और फिर उससे बढ़कर पूंजी के साम्राज्य के ख़ात्मे; भारत की राजनीतिक आज़ादी और फिर उससे बढ़कर भारत की कामगार और किसान जनता की आर्थिक आज़ादी - और एक स्वतंत्र, साम्यवादी भारत के निर्माण के विचार पर भगत सिंह ने अपने प्राणों की मुहर लगाई थी। इन्हीं अर्थों में वे शहीद थे - देशभक्त थे - मातृभूमि के किन्हीं अमूर्त किताबी अर्थों में नहीं। ‘भगत सिंह की जय’ का अर्थ है - भारत के मेहनतकश आवाम की जय - साम्राज्यवाद का ख़ात्मा और राष्ट्र का पुनर्निर्माण। यह पुस्तक भगत सिंह के उसी अमर बलिदानी जीवन की कहानी कहती है, जिसकी महिमा तो बहुत गाई गई, पर जिसे समझा नहीं गया। भगत सिंह के क्रांतिकारी-जीवन और उनके विचारों के विकास में गहरा संबंध है - इसी संबंध के रेशों से इस जीवनी की रचना हुई है। (पृष्ठः 320) ISBN- 81-87524-69-3मूल्य - हार्डबाउंडः 250/ पेपरबैकः 75/