बुधवार

मुक्तिबोध

मुक्तिबोध की आत्मकथा लेखकः विष्णुचंद्र शर्मा

(कवि-विचारक गजानन माधव मुक्तिबोध की प्रामाणिक जीवनी)मालवा के पठारों में पैदा हुआ एक मामूली आदमी, जिसने एक मामूली जीवन जिया - और एक दुखद मृत्यु में जिसके जीवन की पीड़ाओं का अंत हुआ, कैसे जीवन को बदलने की रचना-प्रक्रिया का पाठ बन गया? क्या था उस जीवन में, जिसने सफलता के चक्करदार घेरों की बजाय समाज के रूपांतरण के अग्नि-स्फुुलिंग अपनी रचनाओं में इकट्ठा किए? भावी-क्रांति के अग्नि-काष्ठ वह बीनता रहा। मुक्तिबोध का आत्मसंघर्ष क्यों इतना मूल्यवान बन गया? मुक्तिबोध की यह जीवनी उनके इसी आत्मसंघर्ष का महाकाव्यात्मक आख्यान है। इसमें समूचा एक युग अपनी संपूर्ण प्रेरणा और हलचल के साथ मौजूद है। हिंदी की वैचारिक विरासत की एक अनमोल थाती।


(पृष्ठः 496) ISBN- 81-87524-34-0मूल्य - हार्डबाउंडः 550/ पेपरबैकः 160/


1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

Where are these books available to buy online?